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जंगल की आग: हिमाचल में 25 दिनो में वन संपदा को 89 लाख का नुकसान, 3209 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित
वन विभाग के अनुसार जिला शिमला में अग्निकांड के सबसे ज्यादा 50 मामले आए हैं। इसके अलावा जिला कांगड़ा, मंडी, चंबा में भी आग लगने की घटनाएं जारी हैं। सड़कों के साथ सटे जंगलों में अग्निशमन विभाग के कर्मचारी आग पर काबू पा रहे हैं।
हिमाचल में आग की घटनाओं ने वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचाया है। एक अप्रैल से अब तक 449 जंगलों में आग की घटनाएं सामने आई हैं। इससे 3209 हेक्टेयर वन भूमि पर आग लगी। अब तक सरकार को 89 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। बरसात के दौरान जंगलों में रोपे गए पौधे भी जलकर नष्ट हो रहे हैं। हरे-भरे पेड़ों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। सालों पुराने देवदार और चीड़ के पेड़ राख में तबदील हो गए हैं। इसके अलावा कई वन्य जीव आग की चपेट में आए हैं।
वन विभाग के अनुसार जिला शिमला में अग्निकांड के सबसे ज्यादा 50 मामले आए हैं। इसके अलावा जिला कांगड़ा, मंडी, चंबा में भी आग लगने की घटनाएं जारी हैं। सड़कों के साथ सटे जंगलों में अग्निशमन विभाग के कर्मचारी आग पर काबू पा रहे हैं। लेकिन वन विभाग की ऐसी हजारों हेक्टेयर भूमि है, जहां यह अग्निशमन वाहन नहीं पहुंच पाते। ऐसे में आग की लपटों पर काबू पाना कर्मचारियों के लिए मुश्किल हो गया है। वन विभाग के सीसीएफ अनिल शर्मा ने बताया कि आग से भारी नुकसान हो रहा है।
जंगल खाक, खाने की तलाश में गांवों में घुसने लगे जानवर
वहीं, राजधानी शिमला से सटे तारादेवी, चक्कर, ग्लैन और समरहिल समेत बाकी जंगलों में आग के कारण जंगली जानवर अब गांवों में घुसने लगे हैं। जानवरों यह खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं जिससे किसान चिंतित हैं। राजधानी के इन ग्रामीण इलाकों में आजकल टमाटर, बीन, शिमला मिर्च, गोभी, प्याज, खीरा, भिंडी समेत कई फसलें उगाई जा रही हैं। वन विभाग के अनुसार आग से खाक हुए जंगलों में अब जानवरों के खाने पीने के लिए कुछ नहीं बचा है। ऐसे में जंगली जानवर दूसरे इलाकों में शिफ्ट हो गए हैं। यह खाने की तलाश में ग्रामीण इलाकों में भी जा सकते हैं। शहर से सटे जंगलों में कक्कड़, घोरल, खरगोश, शाही समेत कई प्रजाति के जानवर और पक्षी रहते हैं। वन विभाग के अनुसार कई जंगली जानवर आग की चपेट में भी आए हैं। आग से हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। शहर के जंगलों में आग से वन संपदा को कुल कितना नुकसान हुआ है, दो तीन दिन में इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर दी जाएगी। वन अरण्यपाल शिमला एसडी शर्मा ने कहा कि आग से हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। अभी टीमें फील्ड में ही हैं, इनके आने पर ही पूरा आंकड़ा सामने आएगा।
जंगल की आग बुझाने में मदद करेंगे 1800 युवा क्लब
प्रदेश के 1800 युवा क्लबों की जंगलों में लगी आग बुझाने में मदद ली जाएगी। सोमवार को निदेशक युवा सेवाएं एवं खेल राजेश शर्मा ने सभी जिला उपनिदेशकों को इस बाबत निर्देश दिए। राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी खेल परिसर में विभागीय कामकाज की समीक्षा करते हुए नवनियुक्त निदेशक ने कहा कि वन संपदा को बचाने के लिए वन विभाग का सहयोग करने का फैसला लिया गया है। निदेशक राजेश शर्मा ने बताया कि पर्यावरण जागरूकता एवं संरक्षण खेल विभाग का स्लोगन है।
इसके तहत ही युवा क्लबों का गठन किया गया है। हर युवा क्लब में 30 से 40 युवा शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि इन युवा क्लबों को आग बुझाने के यंत्र मुहैया करवाए जाएंगे। मंगलवार से यह युवा क्लब वन मंडल अधिकारियों से संपर्क कर काम शुरू कर देंगे। राजेश शर्मा ने बिलासपुर, सरस्वतीनगर और मंडी जिला में एथलेक्टिस ट्रैक के निर्माण के कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश भी दिए। खेल विभाग के निदेशक की ओर से बीते आठ वर्षों में पहली बार विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की गई है। बैठक में अतिरिक्त निदेशक हितेश आजाद भी मौजूद रहे।
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