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Himachal Election 2022: भाजपा ने नामांकन से चंद घंटे पहले बदला प्रत्याशी, कुल्लू में महेश्वर का टिकट कटा
Himachal Pradesh Assembly Election 2022, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन के आखिरी दिन भाजपा ने कुल्लू में अपना प्रत्याशी बदल दिया है। कुल्लू में महेश्वर सिंह का टिकट काट दिया गया है। उनकी जगह नरोत्तम ठाकुर को प्रत्याशी बनाया गया है। महेश्वर सिंह ठाकुर हिमाचल सरकार में मंत्री भी रहे हैं। इसके अलावा मंडी सीट से सांसद भी निर्वाचित हुए हैं। बताया जा रहा है पार्टी ने महेश्वर सिंह का टिकट बागी हुए बेटे को लेकर काटा गया है। महेश्वर के पुत्र बंजार से आजाद चुनाव लड़ने की जिद पर अड़े थे, इसके बाद पार्टी ने यह फैसला लिया है।
कुल्लू सदर से महेश्वर सिंह का टिकट कटने के बाद भाजपा की ओर से नरोत्तम सिंह पार्टी के पदाधिकारियों के साथ नामांकन पत्र दाखिल करते हुए।
कुल्लू की राजनीति में भूचाल
कुल्लू की राजनीति में भूचाल आ गया है। पहले कुल्लू सदर से भाजपा की ओर से महेश्वर सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया गया था। लेकिन अब महेश्वर सिंह का टिकट कट गया है। हाईकमान ने कुल्लू से नए चेहरे नरोतम ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया है। इसकी सूचना मिलते ही कुल्लू की राजनीति में भूचाल आ गया है। महेश्वर सिंह ठाकुर अब आजाद चुनाव लड़ेंगे।
अध्यापक की नौकरी छोड़ टिकट की दौड़ में थे नरोतम
नरोतम ठाकुर हाल ही में अध्यापक की नौकरी छोड़ कर टिकट की दौड़ में शामिल हुए थे। लेकिन भाजपा हाईकमान की ओर से अब उन्हें टिकट दे दिया गया है। नरोतम ठाकुर ने नामांकन भी दाखिल कर दिया है।
मुख्यमंत्री की बैठक में हुआ था फैसला
22 अक्टूबर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कुल्लू आए थे। इस दौरान उन्होंने भुंतर के एक निजी होटल में बैठक की थी। इसमें महेश्वर सिंह और उनके पुत्र हितेश्वर सिंह को भी बुलाया था। बैठक में हितेश्वर सिंह की जगह उनकी पत्नी विभा सिंह मौजूद रही थी। इसमें साफ तौर से कहा गया था कि अगर महेश्वर सिंह का बेटा हितेश्वर सिंह आजाद नहीं लड़ता है तो ही कुल्लू से महेश्वर सिंह को टिकट दिया जाएगा। इसके बाद महेश्वर सिंह का टिकट होल्ड कर दिया गया था। मंगलवार को भाजपा हाईकमान ने कुल्लू सदर से नरोतम ठाकुर को टिकट दे दिया। नरोतम ठाकुर ने मंगलवार को भाजपा की ओर से नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है।
27 अक्टूबर को हाथीथान में होगी बैठक
महेश्वर सिंह ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से जानकारी दी है कि उनका टिकट कट गया है। उन्होंने लिखा है कि 22 अक्टूबर को नामांकन पत्र दाखिल किया। इसके बाद उनका टिकट काटकर अन्य व्यक्ति को दे दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने उनके साथ जो अन्याय किया है यह कुल्लू की जनता का अन्याय है। इसलिए 27 अक्टूबर को 11 बजे हाथीथान के निजी होटल में बैठक रखी है। यहां पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
1977 में पहली बार विधायक बने थे महेश्वर सिंह
1972 में कुल्लू नगर पालिका के सदस्य बने। 1977 में पहली बार विधायक चुने गए। 1982 में दोबारा चुने गए। 1992 में राज्यसभा के लिए चुने गए। 1989 में नौवीं लोकसभा के सदस्य चुने गए। 1999 में लोकसभा का फिर चुनाव जीता। उसके बाद महेश्वर सिंह ने भाजपा को अलविदा कह कर अपना राजनीतिक दल गठित किया। 2012 का चुनाव हिमाचल लोकहित पार्टी के बैनर तले लड़ा व जीता भी। इसके बाद हिलोपा का भाजपा में विलय कर घर वापसी की है। 2017 में कुल्लू सीट से भाजपा के उम्मीदवार घोषित किए और सुंदर सिंह ठाकुर से चुनाव हार गए।
किसने छिपाकर रखा था डी फार्म : महेश्वर
पूर्व विधायक महेश्वर सिंह ने टिकट कटने के बाद अपना दर्द साझा किया। उन्होंने कहा कि वह आखिर समय तक डी फार्म का इंतजार करते रहे। उन्हें कहा गया था कि डी फार्म भेज दिया है और आपको मिल जाएगा। आखिर किसने डी फार्म छिपाकर रखा था। मंगलवार दोपहर दो बजे डी फार्म कहां से आ गया, इस बात की हैरानी है।
महेश्वर सिंह ने कहा कि उन्होंने पार्टी को 45 वर्ष तक सींचा है और अब पार्टी का निर्णय जनता पर छोड़ दिया है। नाराज होने पर भी वह दूसरी पार्टी में शामिल नहीं हुए। सभी के मजबूर करने पर उन्होंने घर वापसी की। महेश्वर सिंह ने कहा कि उनकी तरह कई नेता चुनाव लड़ रहे हैं और बेटे भी मंत्री के पद रहे हैं। स्वर्गीय कुंज लाल के बेटे गोविंद ठाकुर व बंजार से सुरेंद्र शौरी भी एक ही परिवार से हैं।