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विधायकों के टिकट कटते ही हिमाचल भाजपा में बगावत

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विधायकों के टिकट कटते ही हिमाचल भाजपा में बगावत

धर्मपुर में पिता महेंद्र सिंह का टिकट भाई को मिलने पर बहन हुई बागी
नालागढ़ में केएल ठाकुर ने अपने समर्थकों समेत कांग्रेस में जाने की दी धमकी
धर्मशाला मंडल और जवाली के विधायक ने निर्दलीय उतरने की कही बात
कुसुम्पटी, करसोग और बिलासपुर से भी फैसले के खिलाफ आवाज
विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की पहली लिस्ट सामने आने के बाद विधायकों के टिकट कटने पर भाजपा में बड़े स्तर की बगावत हो गई है। पार्टी मुख्यालय तक आई सूचनाओं के अनुसार जवाली, करसोग, चंबा, धर्मशाला, देहरा, धर्मपुर, बिलासपुर, शिमला शहरी, कसुम्पट्टी और नालागढ़ जैसी सीटों से बगावत के सुर उठे हैं। मंडी जिला के धर्मपुर में तो पिता महेंद्र सिंह ठाकुर की टिकट बेटे रजत ठाकुर को मिलने के बाद बहन वंदना गुलेरिया ने भाजपा महिला मोर्चा से समर्थकों समेत इस्तीफा दे दिया है। नालागढ़ में भाजपा के पूर्व विधायक केएल ठाकुर ने अपने समर्थकों के साथ इस्तीफा देकर कांग्रेस में जाने की धमकी दी है।

करसोग में विधायक हीरालाल और दो अन्य टिकट के दावेदारों ने मिलकर पार्टी टिकट पर पुनर्विचार करने की बात की है, नहीं तो अगला कदम उठाने की धमकी भी दी है। कांगड़ा के जवाली में स्थानीय विधायक अर्जुन सिंह ने भी समर्थकों के दबाव में गुरुवार को बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है। शिमला शहरी सीट पर सुरेश भारद्वाज को कसुम्पटी भेजने के खिलाफ उनके समर्थकों ने उनके घर के बाहर धरना दिया। ये पार्टी प्रत्याशी संजय सूद को समर्थन देने के हक में नहीं हैं।

कसुम्पटी से पिछली प्रत्याशी रही विजय ज्योति सेन ने भी यहां दिया गया सुरेश भारद्वाज का टिकट वापस शिमला शहरी सीट पर भेजने की मांग की है। चंबा के विधायक पवन नैयर ने भी टिकट कटने के खिलाफ अपने समर्थकों के साथ अगली रणनीति बनाई है। धर्मशाला में विशाल नैहरिया के समर्थक मंडल के साथ निर्विरोध प्रत्याशी चुनाव में उतारेंगे। बिलासपुर में टिकट के लिए नजरअंदाज किए सुभाष शर्मा ने भी बगावत की चुनौती दी है। शाहपुर से भी ऐसे स्वर उठे हैं। अब भाजपा के लिए यह चुनौती हो गई है कि इतने सारे बगावत के स्वर कैसे संभाले? पार्टी ने इस बार 11 सीटों पर इन विधायकों के टिकट काटे हैं और दो मंत्रियों का चुनाव क्षेत्र बदला है। यह सब इसलिए किया ताकि एंटी इनकंबेंसी को काटने के लिए चुनाव में ताजगी लाई जा सके, लेकिन दांव उल्टा पड़ता हुआ दिख रहा है। (एचडीएम)

भाजपा से फिर नहीं संभले देहरा-ज्वालामुखी

भाजपा से देहरा और ज्वालामुखी चुनाव क्षेत्र फिर नहीं संभल पाया है। यहां निर्दलीय विधायक होशियार सिंह को देहरा में एडजस्ट करने की कोशिशें विफल होने के बाद रमेश धवाला को ज्वालामुखी से देहरा शिफ्ट किया गया और रविंद्र रवि को ज्वालामुखी से चुनाव लडऩे को कहा गया था, लेकिन आखिरी मौके पर होशियार सिंह के नाम पर फिर से विचार होने के कारण अब धवाला ने देहरा से वापस लौटने से इनकार कर दिया, जबकि रवि सुलाह से टिकट के लिए कांग्रेस के संपर्क में हो गए हैं, इसीलिए भाजपा की यह समस्या हल नहीं हो रही।

जिन्हें टिकट नहीं दे पाए, उन्हें एडजस्ट करेंगे

भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कई सीटों पर बगावत होने के बाद इस बारे में कहा कि भाजपा जिन लोगों को टिकट नहीं दे पाई और जो नाराज हैं, उन्हें सरकार और संगठन में एडजस्ट किया जाएगा। जब टिकट कटता है, तो शुरू में प्रतिक्रिया गुस्से की आती है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि भाजपा का कार्यकर्ता इस सच्चाई को समझेगा कि चुनाव एक ही व्यक्ति लड़ सकता है। उन्होंने कहा कि चुनाव में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नामांकन के साथ ही हिमाचल में भाजपा सरकार दोबारा से बनाने की शुरुआत हो गई है और इसीलिए सभी कार्यकर्ताओं का सहयोग चाहिए।

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