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हिमाचल में सीमेंट प्लांट बंद कर स्टाफ को बसों में भर कहां ले गया अडाणी ग्रुप? नहीं छोड़ा अपने कर्मचारियों का हाथ
बीते दिनों हिमाचल प्रदेश में अडाणी ग्रुप ने अपने दो सीमेंट प्लांट को बंद करने का फैसला लिया। अडाणी ने ये फैसला अधिक लागत का हवाला देते हुए लिया। सीमेंट प्लांट के बंद होने से कई लोग बेरोजगार हो गए।
बीते दिनों हिमाचल प्रदेश में अडाणी ग्रुप ने अपने दो सीमेंट प्लांट को बंद करने का फैसला लिया। अडाणी ने ये फैसला अधिक लागत का हवाला देते हुए लिया। ये प्लांट हिमाचल के गगल और दाड़लाघाट में थे। अडाणी का ये फैसला सूबे में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद लिया गया। इस वजह से कई लोगों ने ये कयास लगाए कि अडाणी ग्रुप नई सरकार ने नाखुश है। दोनों सीमेंट प्लांट के बंद होने से कई लोग बेरोजगार हो गए। आज यानी 25 दिसंबर को इन प्लांट में काम करने वाले 143 कर्मचारियों को स्थानांतरित (ट्रांसफर) कर दिया गया है।
प्लांट के बंद होने के बाद कर्मचारियों के सामने सबसे बड़ी समस्या अपनी आजीविका की रक्षा करने की होती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने कर्मचारियों के हितों की रक्षा करते हुए दाड़लाघाट के 85 से अधिक कर्मचारियों और गगल इकाइयों के 58 कर्मचारियों को उत्तरी क्षेत्र में अडानी सीमेंट के नजदीकी प्लांट में भेज दिया है। आज यानी 25 दिसंबर को दो बसों में भर कर कुल 143 स्टाफ का ट्रांसफर कर दिया गया है।
आज उत्तरी क्षेत्र के प्लांट में 143 कर्मचारियों को ट्रांसफर कर दिया गया है। ट्रांसफर होने वाले कर्मचारियों से भरी दो बसों को आज रवाना किया गया। कच्चे माल और सीमेंट की उच्च परिवहन लागत के चलते अडानी सीमेंट को अपने कामकाज को स्थगित कर प्लांट को बंद करना पड़ा था।
उत्पादन, रखरखाव और गुणवत्ता जैसे परिचालन क्षेत्रों के लोगों को विभन्नि स्थानों पर पुनर्नियुक्त किया जा रहा है। प्रदेश में अडानी सीमेंट की कंपनियों के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए कंपनी लगातार प्रयास कर रही है। गगल और दाड़लाघाट के दोनों प्लांट पर बाजार में टिके रहने के लिए परिचालन की लागत कम करने का दबाव है। ऐसे में यहां काम कर रहे लोगों को अडाणी ग्रुप ने दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया है।