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सुक्खू सरकार ने HDP प्रोजेक्ट को मांगी एक्सटेंशन:विश्व बैंक कर रहा परियोजना का वित्त पोषण; जून 2023 में पूरी हो रही अवधि
हिमाचल में 1134 करोड़ के हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (HDP) को सुक्खू सरकार ने एक साल की एक्सटेंशन मांगी है। केंद्र को लिखे पत्र में राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट का पूरा बजट खर्च नहीं होने का तर्क दिया है। इस प्रोजेक्ट की अवधि जून 2023 में पूरी हो रही है। मगर, अभी तक 70 फीसदी बजट ही खर्च हो पाया है। HDP प्रोजेक्ट का वित्त पोषण विश्व बैंक कर रहा है।
इसलिए एक्सटेंशन मांगने से पहले विश्व बैंक की टीम भी हिमाचल आकर प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस को रिव्यू कर चुकी है। विश्व बैंक की हरी झंडी के बाद ही राज्य सरकार ने इसके लिए केंद्र को लिखा है।
2017 में मंजूर हुआ HDP प्रोजेक्ट
HDP प्रोजेक्ट पूर्व की वीरभद्र सरकार के कार्यकाल में 2017 में मंजूर किया गया। इसके बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ। तब शुरू के ढाई साल तक पूर्व बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह और प्रोजेक्ट डायरेक्टर जेसी शर्मा के बीच विवाद की वजह से यह प्रोजेक्ट संकट में आ गया था।
तब विश्व बैंक ने इस प्रोजेक्ट को विड्रॉ करने के लिए हिमाचल सरकार को लिखा, क्योंकि 2020 तक HDP प्रोजेक्ट के तहत 3 सालों में 25 फीसदी बजट भी खर्च नहीं हो पाया था। उस दौरान पूर्व मुख्य सचिव अनिल खाची ने विश्व बैंक को भरोसा दिलाया कि प्रदेश इस प्रोजेक्ट में अच्छा काम करेगा। इसके बाद HDP प्रोजेक्ट में काम करने वाली टीम को टारगेट दिए गए और अब धरातल पर इसका असर दिखने लगा है।
इस प्रोजेक्ट के तहत की जा रहीं यह गतिविधियां
HDP प्रोजेक्ट के तहत ज्यादा ध्यान सेब की खेती पर फोकस किया गया है। प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन के लिए कलस्टर बनाए गए हैं। इन कलस्टर में सेब की हाई डेन्सिटी प्लांटेशन के अलावा सोलर फेंसिंग, ड्रिप-इरिगेशन, उन्नत किस्म का प्लाटिंग मैटेरियल बागवानों को दिया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का मकसद उत्पादन को दोगुना कर बागवानों की आय को दोगुना करना है।
5 सालों में 12 लाख से ज्यादा पौधे किए आयात
इसी मकसद से 2017 से 2022 तक अमेरिका और इटली से लगभग 12 लाख विभिन्न किस्मों के सेब के पौधे व रूट स्टॉक आयात किए गए। अब इन्हें प्रोपोगेट कर बागवानों को दिया जा रहा है। इस बार बागवानी विभाग ने लगभग 20 लाख पौधे और रूट स्टॉक बागवानों को देने का लक्ष्य रखा है।