
शहरवासियों को कोविड के दौरान पानी के बिल हर तिमाही जारी किए जाएंगे। एसजेपीएनएल की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में एसजेपीएनएल के एजीएम राजेश कश्यप और एसजेपीएनएल बोर्ड के इंडीपेंडेंट डायरेक्टर दिग्विजय चौहान सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।
एसजेपीएनएल की बैठक में शहर में पानी के बिलों को जारी करने के मुद्दे को लेकर मंथन किया गया। बैठक में यह सामने आया कि अबकी बार नौ माह के बिल लोगों को एक साथ जारी किए गए हैं, इससे लोगों पर बिलों का बोझ पड़ गया है। हालांकि अधिकारियों का यह स्थिति कोरोना के चलते सामने आई है।
कोरोना के कारण समय पर फिल्ड में जाकर मीटर की रीडिंग नहीं ली जा सकी और फिर एक साथ कई माह के बिल जारी करने पड़े। ऐसे में बैठक में फैसला लिया गया कि शहर में पानी के बिलों को मासिक तौर पर जारी करने के प्रयास किए जाएंगे। हालांकि इन दिनों कोरोना के कारण अगर यह संभव नहीं हो पाया तो कम से कम हर तीन माह में पानी के बिल जारी किए जाएं।
यह भी तय किया गया कि अभी जो बिल लोगों को जारी किए गए हैं, उनको किश्तों में देने का प्रावधान किया जाए। बिलों को किश्तों में देने पर लोगों पर कोई पेनल्टी नहीं पड़ेगी। हालांकि आगे के लिए बिल जारी करने की व्यवस्था को सुधारने पर बल दिया गया। इसके अलावा कई अन्य मुद्दों पर भी इस बैठक में चर्चा की गई।
दिग्विजय चौहान ने कहा है कि बैठक में तय किया गया कि पानी के बिलों को कम से कम तीन माह में जारी किया जाएगा ताकि लोगों पर एक साथ कोई बोझ न पड़े। इसके साथ ही जो बिल अभी जारी किए गए हैं उनको लोग किश्तों में दे सकते हैं। इसके लिए कोई भी पेनल्टी नहीं लगेगी।
गिरी और गुम्मा से शहर को मिला कम पानी
बिजली की सप्लाई बाधित होने से गुम्मा और गिरी से शहर को कम पानी मिल पाया। दोनों परियोजनाओं से करीब से 10 एमएलडी पानी शहर को कम मिला। इससे शहर के कई इलाकों कट लगाकर पानी की सप्लाई करनी पड़ी। वहीं कुछ इलाकों में पानी नहीं दिया गया।
गिरी और गुम्मा पेयजल परियोजनाओं में लो वोल्टेज व बिजली की सप्लाई बाधित होने से पानी की लिफ्टिंग नहीं हो पा रही है। इसके चलते शहर को इन दोनों परियोजनाओं से कम पानी मिल रहा है। वीरवार को भी लो वोल्टेज और बिजली की सप्लाई बाधित होने से परियोजनाओं से शहर को कम पानी मिला।
गिरी से शहर को11.93 एमएलडी पानी ही मिला है जो कि करीब से चार से पांच एमएलडी कम है। वहीं गुम्मा परियोजना से 15.25 एमएलडी पानी मिला है जो कि से पांच से छह एमएलडी कम है। दोनों बड़ी पेयजल परियोजनाओं से कम पानी मिलने के कारण वीरवार को शहर के कई क्षेत्रों में पानी की सप्लाई का समय कम करना पड़ा। आम तौर पर जिन इलाकों में 2 से 3 घंटे पानी की सप्लाई दी जाती है, वहां एक घंटे ही पानी दिया गया। वहीं नाभा, फागली, क्लीफेंड और न्यू शिमला के कुछ एरिया में पानी नहीं दिया गया।