
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की ओर से ऑनलाइन बीएड काउंसिलिंग के लिए शेड्यूल तैयार किया जा रहा है। अभ्यर्थी जल्द ही आवेदन कर सकेंगे। मेरिट सूची जारी होते ही ऑनलाइन काउंसिलिंग शुरू कर दी जाएगी। एचपीयू की वेबसाइट https://ift.tt/2H0wuXr पर जाकर बीएड काउंसिलिंग के लिए आवेदन किया जा सकेगा। एचपीयू प्रशासन के कंप्यूटर विंग ने बीएड काउंसिलिंग को ऑनलाइन करने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया है।
2020-22 के सेशन के लिए विवि बीएड के सरकारी और संबद्ध निजी बीएड कालेजों की सीटें आबंटित करने और भरे जाने की प्रक्रिया भी ऑनलाइन होगी। प्रवेश परीक्षा देने वाले छात्रों से मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद एंट्रेंस में आए नंबर और स्नातक डिग्री की न्यूनतम प्राप्तांक की शर्त के मुताबिक अपनी च्वॉइस का सरकारी और निजी कॉलेज ऑनलाइन फार्म में भरना होगा।
परीक्षा नियंत्रक डाॅ. जेएस नेगी का कहना है कि बीएड की काउंसिलिंग काे ऑनलाइन कर दिया गया है। अब छात्राें काे एचपीयू आने की जरूरत नहीं है। करीब 12 हजार स्टूडेंट ने बीएड के लिए अप्लाई किया था। प्रदेश भर के निजी बीएड और एचपीयू में 8500 सीटें बीएड की भरी जानी हैं।
एंट्रेंस करवाया अभी तक घोषित नहीं की मेरिट
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की ओर से इस बार बीएड के लिए एंट्रेंस टेस्ट करवाया गया। जहां ऐसी प्रशासन ने अन्य विषयों के लिए मेरिट आधार पर ही चयन किया वहीं बीएड के लिए एंट्रेंस टेस्ट करवाया गया। हालांकि अभी तक इसकी मेरिट सूची जारी नहीं की गई है।परिणाम को तो इस बात से भी निकाल दिया गया लेकिन मेरिट सूची बनाने में देरी की जा रही है। ऐसे में हजारों छात्र मेरिट सूची आने का इंतजार कर रहे हैं।
इस तरह मिलना है कॉलेज
एंट्रेंस टेस्ट में प्राप्त अंकों के मुताबिक अभ्यर्थी को कॉलेज मिलेगा। एंट्रेंस में हासिल नंबरों के मुताबिक बनी मेरिट के अनुसार ही च्वॉइस का कॉलेज मिल पाएगा। फिर एंट्रेंस में आए अंकों के बाद ऑनलाइन ही छात्रों को तीन च्वॉइस के कॉलेज भरने होंगे। इसमें से एक कॉलेज में प्रवेश मिल जाएगा। ऑनलाइन अप्लाई करते हुए छात्रों को अपने नाम व रोल नंबर को सही लिखना होगा। छात्र को शैक्षणिक पात्रता संबंधित बाकी दस्तावेज संबंधित कॉलेज में ही दिखाने होंगे। कॉलेज ऑनलाइन अलॉट की गई सीट के मुताबिक ही एडमिशन दे देगा।
निजी बीएड काॅलेजाें की नहीं चलेगी मर्जी
निजी बीएड काॅलेजाें की ओर से ऑफलाइन छात्राें की एडमिशन ली जाती है। इसके फायदा उन्हें ये हाेता है कि वह किसी भी जिले के स्टूडेंट काे अपने काॅलेज में एडमिशन दिला देते हैं। जबकि ऑनलाइन में स्टूडेंट अपनी मर्जी से काॅलेज का चुनाव कर सकते हैं। हालांकि, बीएड में प्रवेश के लिए च्वॉइस का काॅलेज चुनने की अनुमति दी गई है, लेकिन फिर भी निजी बीएड काॅलेज अपने संस्थानाें में ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट काे एडमिशन देते हैं। अब ऐसा नहीं कर सकेंगे।