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बिना स्नो किट ड्यूटी करना भारी, एचआरटीसी परिचालकों ने बर्फबारी वाले क्षेत्रों में मांगी सुविधा
एचआरटीसी कंडक्टरों ने सरकार व निगम प्रबंधन से स्नो किट की मांग उठाई हैं। परिचालकों का कहना है कि सर्दियों के मौसम में बिना स्नो किट के परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एचआरटीसी जेसीसी के महासचिव खेमेंद्र गुप्ता का कहना है कि सर्दियों का मौसम शुरू हो गया और इस बार नवंबर माह में कड़ाके की ठंड पहाड़ी क्षेत्रों में पड़ रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आगामी दिनों में बर्फबारी का दौर शुरू होगा और यह ठंड और बढ़ेगी। सर्दी बढऩे के साथ बर्फबारी वाले क्षेत्रों एचआरटीसी बस सेवाएं देने वालों की चिंताएं भी बढऩे लगी हैं, क्योंकि चालक-परिचालक बर्फबारी वाले क्षेत्रों में सेवाएं देने तो चले जाते हैं, लेकिन निगम प्रबंधन की ओर से उस तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जाती है, जिस तरह की सेवाएं जनजातीय क्षेत्र के चालक-परिचालकों को उपलब्ध करवाई जाती है।
निगम प्रंबधन द्वारा जनजातीय केलांग, किन्नौर पांगी, सहित अन्य जनजातीय क्षेत्रों के चालक-परिचालकों को स्नोकिट उपलब्ध करवाई जाती है, जबकि शिमला, कुल्लू, कांगड़ा, चंबा के दुर्गम व बर्फबारी वाले क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले चालक-परिचालक बिना स्नो किट की सेवाएं देते हैं। स्थिति यह होती है कि चालक-परिचालक या तो अपने खर्च पर स्नो किट का प्रबंध करते हैं या फिर साधारण जैकेटे और जूतों में ही लगातार सेवाएं देते हैं। इससे कई बार उन्हें जान भी जोखिम में डालनी पड़ती है। इस बार बर्फबारी से पहले एचआरटीसी जेसीसी ने निगम प्रबंधन से जनजातीय क्षेत्र व दुर्गम बर्फबारी वाले क्षेत्रो में भी चालक-परिचालकों को स्नो किट मुहैया करवाने की मांग की है।