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पेपर लीक में फंसी भर्तियों पर CM लेंगे फैसला, मुख्य सचिव को रिपोर्ट मिलने के बाद सुक्खू देंगे माकूल कार्रवाई के निर्देश
हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट का पेपर लीक होने के बाद चल रही डबल इन्क्वायरी के बीच इस आयोग में फंसी भर्तियों पर फैसला जल्द होने वाला है। राज्य सरकार ने शिक्षा सचिव अभिषेक जैन की अध्यक्षता में एक प्रशासनिक जांच अलग से चलाई थी और इसकी रिपोर्ट तैयार हो गई है। यह रिपोर्ट मुख्य सचिव को जाने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आगामी कार्रवाई को लेकर फैसला लेंगे। इसमें जांच अधिकारी को तीन मैंडेट दिए गए थे। इसमें एक टारगेट पेपर लीक के पूरे मामले की हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग की कार्यप्रणाली के अनुसार इन्क्वायरी करना था। दूसरा टारगेट आयोग सस्पेंड होने के बाद फंसी भर्तियों पर सिफारिश देना था और तीसरा टारगेट भविष्य के लिए ऐसी प्रक्रिया पर सुझाव देना था, जिससे पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोका जा सके।
जांच अधिकारी ने अपने साथ कार्मिक विभाग और आईटी विभाग के अधिकारियों को भी जोड़ा था और इनसे भी अलग-अलग रिपोर्ट ली गई है। इस रिपोर्ट को अब कंपाइल कर मुख्य सचिव को सौंपा जा रहा है। पेपर लीक के मामले में विजिलेंस ब्यूरो में केस दर्ज होने और गिरफ्तारियां होने के बाद 26 दिसंबर को सुखविंदर सिंह सुक्खू कि सरकार ने हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग को सस्पेंड कर दिया था। यहां तैनात उसे एचएएस अधिकारियों को शिमला बुला लिया गया था, जिन्हें अब तक विजिलेंस ब्यूरो ने शिमला नहीं आने दिया है। दूसरी तरफ राज्य सरकार ने प्रशासनिक जांच अधिकारी को 15 दिन का वक्त दिया था और सोमवार 16 जनवरी को उन्होंने अपनी रिपोर्ट देनी थी। इस रिपोर्ट का एक हिस्सा भविष्य की परीक्षाओं को लेकर सिफारिशें भी हैं। इतना तय है कि नई सरकार आयोग के वर्तमान प्रारूप के पक्ष में नहीं है और यदि आयोग बहाल भी हुआ, तो इसमें बड़े बदलाव साथ में हो जाएंगे। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि प्रशासनिक जांच रिपोर्ट की सिफारिशों पर मुख्यमंत्री ही फैसला लेंगे।
परीक्षाओं पर ये हैं नई सिफारिशें
प्रशासनिक जांच के दौरान केंद्रीय स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की प्रक्रिया को भी स्टडी किया गया है और इसके बाद दो मुख्य तौर पर सिफारिशें की गई हैं। पहली सिफारिश ऑनलाइन एग्जाम की संभावनाओं को तलाशना है, जबकि दूसरी सिफारिश हर पोस्ट के लिए अलग एग्जाम करने के बजाय कुछ कैटेगरी को जोडक़र एक ही एग्जाम किया जाए। केंद्रीय स्टाफ सिलेक्शन कमीशन कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल के एग्जाम एक ही करता है और विभिन्न पदों के लिए फिर वहीं से पैनल दिया जाता है। हालांकि आयोग में पेपर सेटिंग की प्रक्रिया मैनुअल थी, इसलिए इस प्रक्रिया को बदलने पर दी जाने वाली सिफारिशें भी महत्त्वपूर्ण होंगी।
नए भर्ती विधान का प्लान
सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने अपने प्रतिज्ञापत्र में एक नए भर्ती विधान का वादा किया है। इस के अनुसार किसी भी नौकरी के लिए विज्ञापन जारी करने के छह महीने के भीतर नियुक्तियां देना अनिवार्य बनाया जाएगा। राज्य में अधिकांश नियुक्तियां कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से ही होती थी, इसलिए जो भी भर्ती विधान राज्य सरकार बनाएगी, उसमें कर्मचारी चयन आयोग का महत्तवपूर्ण योगदान होगा। लोक सेवा आयोग सामान्य तौर पर क्लास-वन और क्लास-टू की भर्तियां करता है। हमीरपुर आयोग में नया नियम लागू करने से पहले भर्ती विधान पर भी सरकार की नजर है।