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मंत्रिमंडल विस्तार पर फैसला जल्द, आज दिल्ली जा सकते हैं सीएम सुखविंद्र सुक्खू, पीएम से भी मिलेंगे
एक बार फिर से मंत्रिमंडल विस्तार पर जल्द फैसला हो सकता है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू रविवार को दिल्ली जा सकते हैं और इस पर केंद्रीय नेतृत्व से स्थिति साफ कर सकते हैं।
हिमाचल में एक बार फिर से मंत्रिमंडल विस्तार पर जल्द फैसला हो सकता है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू रविवार को दिल्ली जा सकते हैं और इस पर केंद्रीय नेतृत्व से स्थिति साफ कर सकते हैं। कई बोर्डों और निगमों में अध्यक्षों और उपाध्यक्षों की नियुक्तियां होनी हैं। वह वहां केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू से पहले उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री शुक्रवार को दिल्ली पहुंच गए थे। मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में राज्य मंत्रिमंडल में अभी तीन मंत्रियों के पद रिक्त हैं। कई विधायक अपनी-अपनी पात्रता की बात कर इसके लिए लॉबिंग में जुट गए हैं। कोई मुख्यमंत्री सुक्खू से नजदीकियां बनाने की कोशिश कर रहा है तो कोई दिल्ली दरबार मेें भी हाजिरी लगा रहा है। सूत्रों के अनुसार सुक्खू रविवार को दिल्ली रवाना हो सकते हैं। वह सोमवार को ऐसे तमाम विषयों पर केंद्रीय नेतृत्व से मंत्रणा कर सकते हैं।
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी विधायकों ने राहुल से कही अपने मन की बात
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी कुछ विधायकों ने राहुल गांधी से मन की बात कही है। राहुल गांधी और घुमारवीं के कांग्रेस विधायक राजेश धर्माणी की भी इस दौरान बातचीत हुई है। धर्माणी पात्र होने के बावजूद मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने से निराश हैं, मगर माना जा रहा धर्माणी को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। धर्माणी वर्ष 2012 में भी मंत्री पद की दावेदारी में थे, मगर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने उन्हें मंत्री नहीं बनाया था। इसी तरह कई अन्य विधायक भी जातीय, क्षेत्रीय संतुलन की दुहाई देते हुए खुद को पात्र बता रहे हैं।
सीएम सुक्खू से मिले पूर्व मंत्री रवि, सियासी चर्चा तेज
पिछली भाजपा सरकारों में मंत्री रहे रविंद्र सिंह रवि ने शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से भेंट की। इससे सियासी चर्चा तेज हो गई है। रविंद्र सिंह रवि का विधानसभा हलका देहरा से ज्वालामुखी के लिए बदला गया था, मगर इससे उनकी हार हो गई थी। शनिवार को रवि राज्य सचिवालय में सुक्खू से मिलने आए। उन्होंने सुक्खू को बुक्के भेंट किया। दोनों में अलग से गपशप भी हुई। इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। यह मालूम रहे कि भाजपा नेता रविंद्र रवि देहरा से चुनाव लड़ते आए हैं, जबकि पूर्व भाजपा विधायक रमेश ध्वाला का परंपरागत चुनाव क्षेत्र ज्वालामुखी रहा है। दोनों के टिकटों में अदला-बदली कर दी गई। यानी रमेश ध्वाला का चुनाव क्षेत्र बदलकर देहरा कर दिया गया और रविंद्र रवि को ज्वालामुखी से चुनाव लड़वाए गए। दोनों ही यह चुनाव हार भी गए। बीच में दोनों ही नेताओें ने अपनी हार के लिए भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी से असंतोष जताया था। रविंद्र रवि पूर्व सीएम प्रेमकुमार धूमल के खास करीबी रहे हैं।