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राजनीतिक हाशिए पर हिमाचल का सीमेंट प्लांट, हजारों लगाए टकटकी... कब सुलझेगा विवाद?
Adani Himachal Cement Plant: हिमाचल में कांग्रेस की सत्ता वापसी के बाद बंद हुआ अडानी सीमेंट प्लांट राजनीति के हाशिए पर मालूम पड़ता है। सीमेंट प्लांट बंद होने के बाद से जहां बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे को इसका आरोपी बता रही हैं। तो वहीं बेरोजगार होने से हजारों लोग सीमेंट प्लांट के चालू होने के लिए टकटकी लगाए हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश का सीमेंट प्लांट विवाद सुलझता नजर नहीं आ रहा है। 40 दिन से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी न तो अडानी समूह और ट्रक ऑपरेटर यूनियन के बीच कोई नतीजा नहीं निकला है है। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद अडानी का सीमेंट प्लांट बंद होने को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि यह बीजेपी और इंडस्ट्री की मिलीभगत है। तो वहीं अडानी ग्रुप का कहना है कि उन्हें ट्रक ऑपरेटरों का किराया मंहगा पड़ रहा था। इसी वजह से सीमेंट प्लांट को बंद करना पड़ा। बहरहाल वजह जो कुछ भी हो इसका खामियाजा तो उन हजारों लोगों को भुगतना पड़ रहा है जिनकी आमदनी इस सीमेंट प्लांट से जुड़ी थी। विपक्ष की ओर से लगातार लग रहे आरोपों के बीच हिमाचल सरकार का कहना है कि हमारी कोशिशें लगातार सीमेंट प्लांट को चालू करवाने के लिए जारी हैं।
हिमाचल सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी सीमेंट प्लांट
हिमाचल में अडानी सीमेंट प्लांट बंद होने के बाद राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। सरकार दोनों पक्षों के बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी कह चुके हैं कि सरकार सीमेंट प्लांट और सरकार ट्रक ऑपरेटर के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान से इस मामले में बात की गई है। प्रदेश सरकार इस मामले को सुलझाने के लिए सब कमेटी का गठन कर चुकी है, जिसकी कई बैठकें भी हो चुकी हैं। लेकिन इसका परिणाम सकारात्मक नहीं रहा। हिमाचल प्रदेश में सीमेंट के दामों में भी बढ़ोतरी हो रही है। एक और सीमेंट प्लांट बंद होने के चलते हजारों कर्मचारियों का रोजगार छिन गया है। वहीं हिमाचल प्रदेश को इससे अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी उठाना पड़ रहा है।
सरकार की घेराबंदी करने में लगा विपक्ष
विपक्ष बंद पड़े सीमेंट प्लांट विवाद पर लगातार प्रदेश सरकार को घेर रहा है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप शुक्रवार को सोलन के डार्लाघाट में ट्रक ऑपरेटर से मुलाकात के लिए गए थे। जहां उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार केवल कहने के लिए ही ट्रक ऑपरेटर का साथ दे रही है लेकिन इस मामले को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही। मुख्यमंत्री ने 2 दिन पहले कहा था कि वह इस समस्या का समाधान करेंगे नहीं तो कानूनी कार्यवाही भी करेंगे लेकिन अभी तक इस मामले में कुछ समाधान नहीं निकल पाया है। सुरेश कश्यप ने कहा कि ट्रांसपोर्टर्स उम्मीद भरी नजरों से प्रदेश सरकार की ओर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि सांसद के रूप में वह इस बात को केंद्र सरकार के सामने भी रखेंगे। इस मामले में कोई राजनीति नहीं करना चाहते। कश्यप ने कहा कि, 'कंपनियों के अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं। आश्वासन मिला है कि अधिकारी कुछ ही दिनों में मुंबई जाकर गौतम अडानी से इस विषय में बात करेंगे।
कांग्रेस ने किया पलटवार
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने सुरेश कश्यप के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस मामले में राजनीति करना चाहती है। सरकार का काम दोनों पक्षों के बीच में मध्यस्थता करना है। लेकिन प्रदेश सरकार हिमाचल के ट्रक ऑपरेटर के साथ है। सरकार न तो अडानी की बात मान सकती है कि कम दाम ठीक है और न ही ट्रक ऑपरेटर्स को कम दाम में काम करने के लिए दवाब डाला जा सकता है। हिमकोन की रिपोर्ट भी आ चुकी है। मुख्यमंत्री से मामला सुलझाने के लिए जल्दी चर्चा होगी।