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हिमाचल विधानसभा में रहेगी आपदा प्रबंधन की गूंज:राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं करने पर BJP को घेरेगा सत्तापक्ष; बंद सड़कों व प्रभावितों की परेशानी उठाएगा विपक्ष
हिमाचल विधान सभा का मानसून सत्र आज दोपहर बाद दो बजे शुरू होगा। 25 सितंबर तक चलने वाले इस सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। खासतौर पर आपदा प्रबंधन के मुद्दे की गूंज मानसून सत्र में सुनाई देगी।
एक ओर सत्ता पक्ष प्रदेश की त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित न करने के मुद्दे पर विपक्ष पर हमलावर होगा, वहीं दूसरी ओर विपक्ष बंद पड़ी सड़कों, आपदा प्रभावितों को पर्याप्त राहत न मिलने तथा शिविरों में रह रहे प्रभावित परिवारों की दिक्कतों को सदन में उठा कर सत्ता पक्ष को बैकफुट पर धकेलने की कोशिश करेगा।
मानसून सत्र में प्राकृतिक आपदा के साथ साथ कानून व्यवस्था, कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव में दी गई गारंटियों, अफसरों के खिलाफ आ रहे पत्र बम, भर्तियां नहीं होने, सरकारी संस्थान बंद करने, मौजूद सरकार द्वारा आठ महीने में ही लगभग 8500 करोड़ का लोन लेने जैसे मुद्दे की गूंज भी सुनाई दे सकती है।मौजूदा सरकार पूर्व गवर्नमेंट के खिलाफ इसी सत्र के दौरान वित्त के कुप्रबंधन को लेकर श्वेत पत्र लाने जा रही है। इस पर भी सदन में खूब हंगामा बरपने के आसार है।
दिवंगत विधायक के शोकोद्गार से शुरू होगी कार्यवाही
विधानसभा की कार्यवाही आज आनी के पूर्व विधायक खूब राम के शोकोद्गार से शुरू होगी। खूब राम का इसी साल 19 जुलाई को निधन हो गया था। वह तीन बार हिमाचल विधानसभा में सदस्य चुने गए। दो बार BJP से और एक बार कांग्रेस से विधानसभा पहुंचे।
पावर विडर के सवाल पर सदन में हो सकती है नोंक-झोंक
शोकोद्गार के बाद प्रश्नकाल शुरू होगा। पहला सवाल सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा द्वारा बीते साल PWD को केंद्रीय मद्द से जुड़ा पूछा गया है। दूसरा सवाल भाजपा विधायक पवन काजल ने पूछा है। यह प्रश्न पावर विडर से जुड़ा है, जो विक्रेताओं को 25 से 30 हजार रुपए में मिल रहा है, जबकि विभाग MRP रेट के बिल मांग रहा है। इनका MRP 65 हजार से 85 हजार रुपए है। इस पर सदन में तीखी नोक-झोंक देखने को मिल सकती है।
इसके बाद सत्र के दौरान राजस्व, स्वास्थ्य, PWD, पावर, जल शक्ति विभाग इत्यादि से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। बाद में सदन में कुछ स्वीकृत विधेयक व जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत किए जाएंगे। अंत में भाजपा विधायक जेआर कटवाल प्रदेश में लॉ-वोल्टेज की समस्या से निपटने और घरों के ऊपर से गुजर रही बिजली की तारों को हटाने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे।
राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव होगा पास
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू सदन में भारी बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड व बादल फटने से हुई तबाही पर वक्तव्य देंगे। CM सुक्खू हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव सदन में प्रस्तुत करेंगे और इसे केंद्र सरकार को प्रेषित करेंगे। राज्य सरकार बार-बार केंद्र से हिमाचल में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का मसला उठा रही है। मगर, केंद्र सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रहा।
स्पीकर ने की सहयोग की अपील
सत्र से पहले विधान सभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने सर्वदलीय बैठक में सभी दलों से सहयोग की अपील की। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने साफ कहा कि मानसून सत्र में आपदा व राहत के मुद्दों को उठाया जाएगा। जयराम ठाकुर के तेवरों से साफ है कि विपक्ष ने अपनी रणनीति तय कर ली है। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि मानसून सत्र के पहले ही दिन हिमाचल की त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने बारे सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा जाएगा।