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BBMB में हिस्सेदारी के 4250 करोड़ रुपये मिलने की आस, हिमाचल सरकार की याचिका पर जल्‍द होगी सुनवाई

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BBMB में हिस्सेदारी के 4250 करोड़ रुपये मिलने की आस, हिमाचल सरकार की याचिका पर जल्‍द होगी सुनवाई

बीबीएमबी में हिस्‍सेदारी के 4250 करोड़ रुपये मिलने की आस जारी है। सर्वोच्च न्यायालय में पंजाब पुनर्गठन कानून के तहत राज्य के हिस्सेदारी की बकाया राशि के भुगतान को लेकर दायर हिमाचल सरकार की याचिका पर सुनवाई छह व आठ सितंबर को होनी है। प्रदेश को हिस्सेदारी के इस मामले को लेकर वर्ष 1998 में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
BBMB में हिस्सेदारी के 4250 करोड़ रुपये मिलने की आस, हिमाचल सरकार की याचिका पर जल्‍द होगी सुनवाई
हिमाचल सरकार को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में हिस्सेदारी के 4250 करोड़ रुपये मिलने की आस है। सर्वोच्च न्यायालय में पंजाब पुनर्गठन कानून के तहत राज्य के हिस्सेदारी की बकाया राशि के भुगतान को लेकर दायर हिमाचल सरकार की याचिका पर सुनवाई छह व आठ सितंबर को होनी है।

हिस्सेदारी के मामले को लेकर खटखटाना पड़ा न्‍यायालाय का दरवाजा
पंजाब पुनर्गठन कानून के तहत हिमाचल पंजाब व हरियाणा से बीबीएमबी के तीन पावर प्रोजेक्टों 1325 मेगावाट भाखड़ा, 396 मेगावाट पौंग व 990 मेगावाट बीएसएल में हिस्सेदारी मांग रहा है। प्रदेश को हिस्सेदारी के इस मामले को लेकर वर्ष 1998 में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

बीबीएमबी प्रोजेक्टों में हिमाचल की हिस्सेदारी
दो सितंबर, 2011 को सर्वोच्च न्यायालय ने हरियाणा व पंजाब को पंजाब पुनर्गठन कानून के तहत बीबीएमबी प्रोजेक्टों में हिमाचल की हिस्सेदारी देने को कहा था। दोनों ही राज्य सरकारों ने तीन अक्टूबर 2011 से प्रदेश को हिस्सेदारी देनी प्रारंभ की, लेकिन पहले के बकाया पर टालमटोल कर रहे हैं। लिहाजा हिमाचल सरकार ने इन दोनों राज्यों से अपनी हिस्सेदारी की बकाया राशि को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की।

जनवरी 1966 से अक्टूबर 2011 तक की हिस्सेदारी बकाया
भाखड़ा पावर प्रोजेक्ट में पहली जनवरी 1966 से अक्टूबर 2011 तक की हिस्सेदारी बकाया है। बीएसएल में 1977 से अक्टूबर 2011 तथा पौंग डैम में 1978 से अक्टूबर 2011 तक की हिस्सेदारी के एवज बकाया राशि का भुगतान पंजाब व हरियाणा को करना है। तीनों पावर प्रोजेक्टों से 13,066 मिलियन यूनिट बिजली बकाया के एवज में प्रदेश को मिलनी है।

इस दौरान पावर प्रोजेक्ट के संचा्लन व प्रबंधन पर हुए खर्च में हिमाचल को भी हिस्सा देना होगा। पंजाब व हरियाणा नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड (एनएफएल) को दी जाने वाली बिजली की दरों पर बकाया देने की बात कह रहे हैं। सरकार बदरपुर थर्मल प्लांट शेयर (बीटीपीएस) फार्मूले पर बकाया का भुगतान करने की मांग कर रही है। -राजीव शर्मा, ऊर्जा सचिव।

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