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हिमाचल सरकार ने लकड़ियों पर लगे प्रतिबंध को हटाया, अब बिना परमिट के ले जा सकेंगे बाहर
हिमाचल सरकार ने सफेदा, पॉपलर और बांस की लड़की के साथ कुठ को प्रदेश से बाहर ले जाने पर लगी रोक को हटा दी है. हालंकि कुछ लकड़ियों को बाहर ले जाने के लिए वन विभाग से परमिट लेना होगा.
हिमाचल प्रदेश के लोगों की सुविधा को देखते हुए राज्य सरकार ने सफेदा, पॉपलर, बांस की लकड़ी के साथ कुठ औषधीय पौधे को प्रदेश से बाहर ले जाने पर लगी रोक को हटा दिया है. अब प्रदेश के लोग इन चार प्रजाति की लकड़ी को बिना परमिट के प्रदेश से बाहर ले जा सकते हैं. साथ ही इन प्रजाति की लकड़ी की ढुलाई राज्य के अंदर भी बिना अनुमति हो पाएगी. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कई किसान इन प्रजाति के पेड़ों को व्यवसायिक स्तर पर उगाते हैं. ऐसे में उनके हितों को देखते हुए राज्य सरकार ने इन चार प्रजातियों पर लगे प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया है.
इन लकड़ियों के लिए लेना होगा परमिट
इस बारे में हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने कहा कि सरकार ने सफेदा, पॉपलर और बांस की लकड़ी (wood) के साथ कुठ को प्रदेश से बाहर ले जाने पर लगी रोक हटा दी है. इसके अलावा प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Government) ने खैर की लकड़ी, कत्था, देवदार के तेल सहित प्रदेश में उगने वाली अन्य जड़ी-बूटियों को प्रदेश से बाहर ले जाने पर लगे प्रतिबंध को भी हटा दिया है. हालांकि इन वन उत्पादों को प्रदेश से बाहर ले जाने के लिए वन विभाग से परमिट लेना होगा.
हिमाचल में नेशनल ट्रान्जिट पास सिस्टम होगा शुरू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) ने कहा कि प्रदेश सरकार वन विभाग (Forest department) से विभिन्न प्रकार के ई-परमिट (E-Permit) प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में नेशनल ट्रान्ज़िट पास सिस्टम शुरू करने जा रही है. यह सिस्टम शुरू करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का छठा राज्य होगा. इसके शुरू होने से जहां लोगों को ई-परमिट प्राप्त करने में सुविधा होगी, वहीं विभाग के कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता आएगी.