2014 में माॅनसून सत्र बीच में स्थगित करने का प्रस्ताव किन परिस्थितियों में लाए थे

2014 में माॅनसून सत्र बीच में स्थगित करने का प्रस्ताव किन परिस्थितियों में लाए थे

प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र को रद्द किए जाने के सरकार के निर्णय पर मचा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। सीएम जयराम ठाकुर ने फिर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री पर निशाना साधते हुए उन्हें पहले कांग्रेस विधायक दल की बैठक में राय लेने की सलाह दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष असल में एकजुट ही नहीं है, जिस कारण उनके कुछ विधायक सत्र को रद्द करने और कई शिमला में आयोजित करने की बातें करते रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वैश्विक महामारी कोरोना के कारण उपजे हालात को देखते हुए सत्र को रद्द किया, क्योंकि इस समय पहली प्राथमिकता लोगों के जीवन को बचाने की है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से पूछा कि जब प्रदेश में उनकी सरकार थी और वह संसदीय कार्यमंत्री थे, तो उन्होंने 12 अगस्त, 2014 को माॅनसून सत्र को बीच में स्थगित करने का प्रस्ताव सदन में किन परिस्थितियों के चलते लाया।

उन्होंने कहा कि उस समय कोरोना जैसी महामारी नहीं, बल्कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार संकट में थी। उन्होंने कहा कि उस समय तत्कालीन सीएम ने 16 दिन के सत्र को 5 बैठकों के बाद ये कहते हुए स्थगित करने की बात कही थी कि उनके पास बिजनेस नहीं है, पक्ष-विपक्ष के सदस्यों के प्रश्नों के अलावा कई विषयों को लेकर नोटिस दिए गए थे। सीएम ने कहा कि इस समय नेता प्रतिपक्ष असहज व परेशान से लग रहे हैं।

किसान आंदोलन को राजनीतिक दृष्टि से भड़काया जा रहा
देश में किसानों की तरफ से किए जा रहे आंदोलन को लेकर सीएम ने आरोप लगाया कि इसे राजनीतिक दृष्टि से भड़काया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व इस विषय को लेकर बात कर रहा है, जिसमें शीघ्र सफलता मिलेगी।

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