आईजीएमसी में डॉक्टरों की सर्दियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने यह फैसला लिया है। अस्पताल में सेवाएं देने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों और रेजिडेंट डॉक्टरों को हर साल जनवरी और फरवरी माह में एक-एक महीने की छुट्टियां होती हैं। इस साल अस्पताल में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए छुट्टियां नहीं दी जाएंगी।
प्रधानाचार्य डॉक्टर रजनीश पठानिया ने बताया कि इस बार डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। मरीजों की सुविधा के लिए यह फैसला लिया गया है। सर्दियों के दिनों में हर साल करीब 200 से 250 डॉक्टर तीन महीनों तक बारी बारी छुट्टी जाते थे। ऐसे में ओपीडी में आने वाले और ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों की परेशानियां बढ़ जाती थी।
मरीजों को जानकारी न होने के कारण डॉक्टर अस्पताल में नहीं मिलते थे। वहीं कई मरीजों के ऑपरेशन में देरी होती थी। ऐसे में मरीजों का मर्ज दोगुना हो जाता था। प्रदेश भर के विभिन्न स्थानों से बीमारियों के इलाज के लिए मरीज यहां इलाज करवाने पहुंचते हैं। दूर दराज इलाकों से हजारों रुपए टैक्सियों का किराया देकर अस्पताल पहुंचे मरीजों को जब विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं मिलते तो उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ जाता था। लेकिन इस बार सर्दियों में डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द होने के बाद मरीजों को ऐसी परेशानियां पेश नहीं आएंगी।